Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज का यह article है Installment Payment System in hindi के बारे में। Installment Payment System similarly Hire Purchase System की ही तरह होता है बहोत थोड़ा सा ही इसमें difference होता है जिसे हम आज के इस article के through clear करेंगे। Installment Payment System Kya Hai, इसमें हम Assets को कैसे purchase करते हैं, इसमें Payment का क्या system होता है, कैसा agreement होता है इन सारी बातों के बारे में जानेंगे।
Meaning Of Installment Payment System In Hindi (किस्त भुगतान पद्धति का अर्थ) –
Installment Payment System एक ऐसा system होता है जिसमें दो लोगों के बीच मतलब कि एक व्यक्ति जो किसी assets को purchase करता है और दूसरा जो उस assets को sell करता है, तो इन दोनों के बीच एक agreement होता है या एक समझौता होता है कि जो person उस assets को sell कर रहा है वह selling करते वक़्त ही उस assets की ownership purchase करने वाले व्यक्ति को transfer कर देता है मतलब कि वह assets उस purchase करने वाले व्यक्ति के नाम हो जाती है और उस assets की जो price होती है वह उसको एक साथ नहीं pay करना होता है। वह इसे installments (किस्तों) में pay करता है और ये Instalment 1 महीना, 3 महीने, 6 महीने या 1 साल के भी हो सकते हैं। इसमे उस assets का interest शामिल भी हो सकता है या फिर Instalment के अलावा भी अलग से pay किया जा सकता है।
अगर assets को purchase करने वाला व्यक्ति किसी भी वजह से Installment को pay नहीं कर पाता है तो इस situation में seller उस assets को वापस नहीं ले सकता है। वह बस यही कर सकता है कि बाकी के जितने भी Installments Purchaser ने pay नहीं किये हैं उसके लिए दावा कर सकता है। इस तरह seller और purchaser की ये सारी condition इसके agreement में दी रहती है।
Definition Of Installment Payment System In Hindi (किस्त भुगतान पद्धति की परिभाषा) –
“Installment Payment System is a system in which payments are made in installments over a period of time, under this system buyer gets the possession and also ownership of the goods right at the time of signing the agreement.”
जे. आर. बाटलीबॉय के अनुसार –
“किस्त भुगतान पद्धति के अन्तर्गत माल क्रय किये जाने में माल क्रेता की सम्पत्ति उसी समय हो जाती है जबकि उसे माल की सुपुर्दगी मिलती है।“
कार्टर के अनुसार –
“किस्त भुगतान पद्धति के अन्तर्गत माल का स्वामित्व तुरन्त क्रेता पर हस्तान्तरित हो जाता है अथवा माल पर उसका वास्तविक स्वामित्व हो जाता है, यद्यपि उसे उस पर भुगतान कई वर्षों में करना पड़ता है। यदि क्रेता द्वारा किस्त का भुगतान नहीं किया जाता है तो विक्रेता माल को वापस नहीं ले सकता है, केवल बाकी रकम के लिए दावा कर सकता है।“
दोस्तों आज के इस article में इतना ही उम्मीद करता हूँ आपको Installment Payment System In Hindi के बारे में अच्छी जानकारी मिली होगी, आज का यह article Installment Payment System Kya Hota Hai इसके बारे में था और इसमें आपको बहोत कुछ जानने को मिला होगा।
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