Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज के इस article में हम जानेंगे “Meaning Of Bills Of Exchange In Hindi” के बारे में कि यह कैसा document होता है? इसे क्यों बनाया जाता है? इसमें कौन-कौन सी parties involve होती हैं (Parties Involve In Bills Of Exchange). इसके अलावा अलग-अलग topic से related बहोत से article पहले से ही हमारी website पर हैं, आप चाहें तो उन्हें भी पढ़ कर अच्छे से समझ सकते हैं, तो आइये सबसे पहले जानते हैं Meaning Of Bills Of Exchange In Hindi के बारे में।
Meaning Of Bills Of Exchange –
आजकल किसी भी firm या business में जो भी transaction हो रहे हैं वह ज़्यादातर credit यानी उधार पर होते हैं। अब अगर कोई बड़ा transaction उधार पर किया जा रहा है तो जो Purchaser होता है जो उस सामान को खरीद रहा है वह सामान बेचने वाले से यानी Seller से यह वादा करता है कि वह उस सामान की जो भी amount है उसका payment कुछ दिन बाद या कुछ महीने बाद करेगा।
अब Seller ( जो उस सामान को बेच रहा है) यह चाहता है कि जो date purchaser ने बतायी है मुझे उस date पर मेरा पैसा मिल जाये, तो इसके लिये वह उससे written में एक form लिखवाता है या prepare करता है या यूँ कहें एक document बनाता है और जो goods वह sell कर रहा है उसकी सारी terms and condition उस पर लिखता है कि वह उसकी amount कब pay करेगा? कहाँ pay करेगा? और भी सारी details उस पर लिख कर उस purchaser से signature करवाता है, तो इसी को हम Bills Of Exchange कहते हैं।
Definition Of Bills Of Exchange –
“A Bill of exchange is an instrument in writing which contains unconditional order signed by the maker directing to pay a certain sum of money only to or to the order of a certain person or to the bearer of the instrument.”
Parties Involve In Bills Of Exchange –
Bills Of Exchange में 3 Parties involve होती हैं।
1 – Drawer – Drawer हम seller को कहते हैं जो bill लिखता है, जिसे किसी से पैसे मिलने हैं। उस bill पर इसकी signature होती है।
2 – Drawee – Bills Of Exchange में दूसरी party जो होती है वह होती है “Drawee” इसे acceptor भी कहते हैं। यह purchaser होता है जिसे bill लिखा गया है और इस bill में जितनी amount है वह pay करना इसकी liability है। यह उस बिल पर Accepted word लिख कर अपनी signature करता है कि वह उसे pay करेगा।
3 – Payee – वह person जिसे payment की जाएगी वह payee कहलाता है। Drawer खुद payee हो सकता है या किसी और को भी payment लेने के लिए बोल सकता है। अब जो maturity date होगी उस date पर वह person payment receive करेगा।
Characteristics Of Bills Of Exchange –
Bills Of Exchange की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
1 – Bills Of Exchange writing(लिखित) में होना चाहिए न कि Oral
2 – Bills Of Exchange में Order(आदेश) होना चाहिये न कि request
3 – Bills Of Exchange की amount fix होनी चाहिये कि इतनी amount pay करनी है।
4 – इसमें वह particular date भी fix होनी चाहिये जिस date पर payment करनी है।
5 – जो bill बना रहा है जो drawer है उसके उस bill पर sign भी ज़रूर होने चाहिये।
6 – जो उस bill को accept कर रहा है जो drawee है उसकी sign भी उस बिल पर ज़रूर होनी चाहिये ताकि वह आगे उस payment को करने से मना न कर दे।
दोस्तों आज के इस article में इतना ही,उम्मीद करता हूँ आपको यह article पसन्द आया होगा। अब आप समझ गए होंगे कि Bills Of Exchange किसे कहते हैं? What Is Bills Of Exchange? इसका क्या मतलब होता है? Meaning Of Bills Of Exchange? इसमें कौन-कौन parties होती हैं? Parties Of Bills Of Exchange और इसकी क्या-क्या विशेषताएँ होती हैं? Characteristics Of Bills Of Exchange इसे Facebook या Whatsapp के through अपने दोस्तों को भी Share करें।
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