Internal Audit Meaning in Hindi ? आन्तरिक अंकेक्षण –

internal audit in hindi by accounting seekho

Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज का यह article Internal Audit  के बारे में है, इसमें हम समझेंगे Internal Audit Kise Kahte Hain, Meaning And Definition Of Internal Audit साथ ही Advantages Of Internal Audit को भी अच्छे से समझने की कोशिश करेंगे।

Meaning Of Internal Audit –

Internal Audit (आन्तरिक अंकेक्षण) उसे कहते हैं जिसमें एक कम्पनी के Accounts Book की जाँच या checking उसी कम्पनी के senior accountant या staff के द्वारा करायी जाती है। आजकल यह काम बड़ी-बड़ी कम्पनियों में किया जा रहा है। यह audit का काम कम्पनी के ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो ईमानदार हों, जिसके पास experience हो और उस पर trust किया जा सके, और ऐसे person या व्यक्ति को management team appoint करती है। यह कम्पनी की सारी activities को check करता है, उसे verify करता है कि कम्पनी की सारी चीज़ें सही से record की जा रही हैं या नहीं। Internal Audit करने का उद्देश्य कम्पनी के employees की efficiency को बढ़ाना जिससे वो और अच्छे से काम कर सकें और errors और उसमें होने वाले frauds की possibility को कम करना होता है।

accounting seekho audit internalइस तरह Internal Audit करने से जो yearly audit की जाती है जिसमें Auditor को बाहर से appoint किया जाता है उसे Auditing के वक़्त काफी help मिलती है, और ये जो बाहर से आता है audit करने के लिए उसे CA यानी Chartered Accountant होना ज़रूरी है पर Internal Audit करने के लिए कोई special qualification की ज़रूरत नहीं है। Internal Audit करने वाला व्यक्ति भी एक Auditor की ही तरह काम करता है। यह audit report नहीं देता बल्कि कम्पनी के owner या management team को valuable suggestion और advice देता है जो कि कम्पनी को smoothly चलने में काफी help करते हैं। यह Internal Auditor company के rules & regulation, plans & procedure इन सबको check करता है कि ये follow किये जा रहे हैं या नहीं।

Advantages of Internal Audit –
1 – Detects errors and frauds –

Internal Audit करने का यह फायदा है कि कम्पनी के accounts book की जाँच होती रहती है जिससे easily errors और उसमें होने वाले frauds का पता चल जाता है और employees भी कोई frauds या हेर-फेर नहीं कर पाते हैं क्योंकी उनके मन मे हमेशा यह डर रहता है कि अगर वे accounts में कुछ इधर-उधर करने की कोशिश भी करेंगे तो जो Internal Auditor है उसे इसके बारे में तुरन्त पता चल जाएगा इसलिए वे accounts में कोई गड़बड़ी करने से डरते हैं।

2 – Operational improvement –

Internal Audit के through न केवल errors और frauds के बारे में जानकारी मिलती है बल्कि कम्पनी की operational process को भी time to time check किया जा सकता है। जो काम सही से नहीं किया जा रहा है उसे और improve किया जा सकता है उनकी कमियों को दूर करके उन्हें control किया जा सकता है जिससे profit को और ज़्यादा बढ़ाया जा सके।

3 – Determination of work standard –

इसका मतलब यह है कि कम्पनी के employees के कामों का एक standard set करना कि इतना काम इतने time के अन्दर करना ज़रूरी है और standard set करने के बाद जो work किया गया है उसको उस standard से compare करना, क्योंकी Internal Audit करने से अलग-अलग कामों से related figures को collect किया जा सकता है और management को भी इस बात की जानकारी हो जाती है कि कम्पनी के सारे काम उस set किये हुए standard के according किये जा रहे हैं या नहीं।

4 – Helpful in determination of policies –

Internal Audit करने से कम्पनी की अलग-अलग जो policies होती हैं उनको determine करने में काफी help मिलती है। Current में जो-जो plans और policies चल रही हैं उनका analysis करके उनकी कमियों को दूर किया जाता है और उन्हें correct और improve करने के लिए management को suggestion दिए जाते हैं।

5 – Protection of assets –

Protection of assets का अर्थ यह है कि सम्पत्तियों को अच्छे से use किया जाए उसके depreciation method और calculation को check किया जाता है और assets को किसी authorized person की देख-रेख में रखा जाता है। इस तरह Internal Audit के through assets की safety भी काफी बढ़ जाती है और उसके misuse होने के chances भी कम हो जाते हैं।

6 – Relation to customer –

Internal Audit के through कम्पनी का customer से good relation build होता है। Customers से good relation से business काफी अच्छा run करता है। अगर Internal Auditor bills की checking करे तो यह पता चलेगा कि customers से ज़्यादा price तो नहीं वसूली गयी है, bills को बनाने में कोई गलती तो नहीं हुई है। अगर कोई customer किसी goods को वापस किया है तो उसका क्या reason है? क्या वे goods samples के according नहीं थे? इन सबके बारे में जानकारी लेकर Internal Auditor customers से good relation बनाने के लिए suggestion दे सकता है।

तो दोस्तों आज के इस article में इतना ही,उम्मीद करता हूँ आपको Internal Audit In Hindi के बारे में समझ में आ गया होगा। इसे Facebook या Whatsapp के through अपने दोस्तों को भी Share करें। अगर आप Meaning and definition of audit के  बारे में भी जानना चाहते हैं तो इस पर Click करके आप इसके बारे में भी अच्छे से समझ सकते हैं।

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