Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज का यह article Techniques of Auditing in Hindi के बारे में है, इसमें हम समझेंगे Audit Technique Kya Hoti Hai, Meaning Of Audit Technique, Definition Of Audit Technique In Hindi साथ ही audit की कौन-कौन सी technique होती हैं इसके बारे में भी मैंने आज के इस article में explain किया है, article को पूरा ज़रूर पढ़ें।
Meaning of Audit Technique :-
जैसा कि हम जानते हैं किसी भी business के सारे transaction को एक system के through record किया जाता है, और record करने में कभी-कभी कुछ गलतियाँ भी हो जाती हैं। इसमें कुछ गलतियाँ तो अनजाने में होती हैं और कुछ जानबूझ कर की जाती हैं। अब इसके लिए ये जो Audit करने की Techniques होती हैं या जिसे हम Auditing Techniques भी कहते हैं वो इन सारी गलतियों को find out करने या उसका पता लगाने में एक Auditor की help करती हैं। एक Auditor को Auditing के जो principals होते हैं उनकी जानकारी के साथ-साथ उनकी process और technique के बारे मे भी जानना चाहिए ताकि Accounts को check करने या जाँच करने का काम आसानी से किया जा सके।
Definition of Audit Technique :-
“Audit Technique stand for the methods that are adopted by an auditor to obtain evidence. Various techniques of auditing to be applied by the auditor under different circumstances.”
“The method of collecting evidence is called Audit Technique.”
Auditing Technique का आशय उन method या उन तरीकों से होता है जिनकी help से एक Auditor Auditing करते वक़्त evidence को collect करता है। Auditing करते वक़्त एक auditor के द्वारा अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग technique अपनायी जाती है।
अब आइये जानते हैं कि Auditing की कौन-कौन सी technique होती हैं।
Technique of Auditing –
1 – Verification of posting –
Auditing की पहली technique तो यह है कि जितनी भी posting की गई है उसको verify करना या सत्यापन करना कि वे सही हैं या नही। एक auditor Journal से Ledger में जितनी भी posting की गयी है उन सबके balances को check करता है।
2 – Physical Examination –
Physical Examination से मतलब यह है कि कम्पनी की जो भी Assets (सम्पत्तियां) हैं उनकी existence को verify करना कि वह कम्पनी में मौजूद हैं या नहीं या Balance Sheet में ऐसे ही दिखायी हैं। Balance Sheet में जो भी assets show की जाती हैं जैसे – Building, Furniture, Machinery etc. इन सभी assets को खुद एक auditor को verify करना चाहिए।
3 – Examination of original documents –
इसमें यह confirm करना कि जो भी transaction किये गए हैं वह genuine हैं या नहीं इसका पता लगाने के लिए original document को check किया जाता है। अगर कोई supporting document हैं तो उसके approval को check करना। कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर एक auditor को हमेशा original document को ही evidence के रूप में accept करना चाहिए।
4 – Examination of subsidiary books –
Subsidiary books का मतलब यह होता है कि same nature के सभी transaction को एक जगह पर record करना। जैसे Cash के transaction लिए Cash Book, Purchase के लिए Purchase Book, Sales के लिए Sales Book इसी तरह और भी अलग-अलग Books बनायी जाती हैं। अब जैसे Cash Book में हमारा जो balance show कर रहा है उसको verify किया जाता है।
5 – Inquiry And Confirmation –
यह Auditing Technique की एक important technique होती है । किसी भी point पर अगर auditor को कोई doubt हो तो वह लोगों से पूछताछ कर सकता है। अगर company के accounts में debtor का कोई balance show कर रहा है तो उसे confirm करने के लिए debtor से written statement भी माँग सकता है। इस तरह confirmation वह technique होती है जो auditor के द्वारा use की जाती है transaction का पता लगाने के लिए को वे correct हैं या नहीं
तो दोस्तों आज के इस article में इतना ही,उम्मीद करता हूँ आपको Techniques of Auditing in Hindi के बारे में समझ में आ गया होगा। इसे Facebook या Whatsapp के through अपने दोस्तों को भी Share करें। अगर आप What Is Auditing In Hindi या फिर Objective of Auditing In Hindi के बारे में भी जानना चाहते हैं तो इस पर Click करके आप इसके बारे में भी अच्छे से समझ सकते हैं।
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