Cost Accounting (लागत लेखांकन का परिचय)-

Introduction –

शुरू में Accounting का काम सिर्फ business के लेन-देनों को ही record करना था, और उसके base पर results को ‘Profit and Loss Account’ और ‘Balance Sheet’ में present किया जाता था, जिसे हम Financial Accounting कहते है। इससे business को दो चीज़ों का पता चलता था, एक यह कि business में Profit हो रहा है या Loss इसकी जानकारी होती थी, दूसरा Balance Sheet से हमें Financial Position का पता चलता था, बाद में यह महसूस किया गया कि अगर कोई कम्पनी manufacturing या production का काम कर रही है तो उसे Cost Analysis करना भी important है मतलब profit के साथ-साथ यह भी जानना ज़रूरी है कि वह जो product बना रही है उसकी total cost क्या आ रही ही? क्योंकि cost की Calculation करना, उसकी Controlling करना और Cost Analysis करना बहोत ही important है।

इस तरह Cost Accounting से ही हमें यह पता चलता है कि किसी product को बनाने में क्या-क्या material लग रहे हैं? उसको बनाने में जो labour लगे हुए हैं उनकी क्या cost आ रही है? क्या-क्या expenses हो रहे हैं? इन सभी के बारे में जानकारी मिलती है और इसी के basis पर ही जो unnecessary  cost आती है उसे रोका जा सकता है, और उसकी cost पर controlling की जा सकती है।

Meaning of Cost Accounting (लागत लेखांकन का अर्थ) –

      सबसे पहले ये जानते हैं कि Cost की क्या meaning होती है? या Cost क्या होती है? इसका अर्थ यह होता है कि किसी भी product या goods को बनाने में जितने भी expenses होते हैं वह उसकी ‘Cost’ कहलाती है।

What i s Cost Accounting by Accounting Seekho

मान लीजिए अगर हम किसी चीज़ का production कर रहे हैं या कोई product manufacture करते हैं तो हम यह ज़रूर जानना चाहेंगे कि उस product की cost क्या आ रही है मतलब उसको बनाने में total कितने expenses हो रहे हैं। इसलिए इसकी cost का calculation किया जाता है, ताकि हमें सही cost price मालूम हो सके कि इस product को बनाने में materials पर कितना खर्चा हो रहा है? उसके लिए जो labours लगे हुए हैं उनकी wages कितनी हो रही है? और इन सबके अलावा भी जो अलग से खर्चे हो रहे हैं सभी के बारे में जानकारी मिल सके, तभी तो हमे clear knowledge हो पाएगी की उस product को कितने में sell करना है? और इसके बाद हम उसमें अपना profit जोड़कर उसकी selling price decide करेंगे। अब आगे इसकी definition को समझते हैं —

Definition of Cost Accounting (लागत लेखांकन की परिभाषा) –

“Cost Accounting is the provision of such analysis and classification of expenditure as well enable the total cost of any particular unit of production to be ascertained with reasonable degree of accuracy.”

( लागत लेखांकन खर्चों का विश्लेषण और उन्हें वर्गीकरण करने की व्यवस्था है, जिससे production के किसी भी particular unit की total cost को सही-सही पता लगाया जा सके।)

इस तरह हम easy way में कह सकते हैं कि ‘ किसी भी product को बनाने में खर्च की गई amount को ‘Cost’ कहते हैं, और इस cost को मालूम करने की technique और process को Cost Accounting’ कहते हैं।

Need of Cost Accounting (लागत लेखांकन की आवश्यकता) –

      अगर एक business का owner यह चाहता है कि वह जो business कर रहा है उसे वह long term के लिए ले जाये और अच्छा profit कमाए, तो उसे इस cost को तो observe करना ही पड़ेगा कि एक product को बनाने में कितनी cost आ रही है, और अगर cost ज़्यादा आ रही है तो उसे कहाँ बचाया जा सकता है, और वे उसे कहाँ तक बचा पाए रहे हैं, वह product उनके लिए future में सही होगा या नही, या फिर अगर उसे बनाने में ज़्यादा cost आ रही है तो उसे वहीं पर रोक दिया वरना cost ज़्यादा हो जाएगी तो उस product की selling price भी बढ़ जाएगी और वह market में नही चल पाएगा, क्योंकि market में तो और भी similar products होते है और हो सकता है उसकी selling price  कम हो, जिसकी selling price कम होती है ज़्यादातर लोग उसी product को purchase करते हैं।

इस तरह ये जो cost मालूम करने की technique होती है यह उन rules और principles के according होती ही जो न सिर्फ काम के पूरा होने पर ही बल्कि अगर बीच में कोई काम अधूरा छूट गया है या छोड़ना पड़ा है तो उस situation में भी किसी product की cost का पता लगा सकते हैं।

Cost Accounting में हम ये पता लगा सकते हैं कि –
  • कहाँ पर हम ज़्यादा cost लगा रहे हैं?
  • कहाँ पर हम जितना पहले से estimate किये हुए थे उससे कम लगा रहे हैं?
  • कहाँ पर हमारा material waste हो रहा है और उसे कैसे रोका जा सकता है?
  • और यह भी पता करना कि market में ऐसे कौन-कौन से material available हैं जिनकी cost कम है, और हमारे इस product को बनाने के लिए सही भी हैं।

ऊपर की इन सारी बातों का हम Cost Accounting के through पता लगा सकते हैं।

तो इस तरह हम ये कह सकते हैं कि वे सारी Cost जो production process शुरू होने से लेकर उस product की selling तक की सारी process ‘Cost Accounting’ के under आती है, इसमें Classification of Cost, Cost Recording, Cost Control, Cost Comparison, Cost Reporting, Cost Analysis और Cost Audit ये सारी चीज़े आती हैं।

 

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