Meaning of Source Documents in Hindi ?

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Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज के इस article में हम जानेंगे Meaning of Source Documents in Hindi  के बारे में। इसमें हम समझेंगे कि Source Documents Kya Hote Hain यह किसी भी business के लिए क्यों important होते हैं? तो आज के इस article में इसी के बारे में समझेंगे।

Meaning of Source Documents  –

एक business में न जाने रोज़ कितने तरह के transaction record किये जाते हैं – Purchase करने पर, Sale करने पर, Cash receive होने या फिर उसका Payment करने या और भी कई तरह के transaction एक business में record किये जाते हैं और हर-एक transaction का लिखित सबूत या प्रमाण होना ही चाहिए जिसके basis पर transaction किया गया है।

Example – Cash memo, Invoice या Bill, Receipt, Pay-in-slip, Cheque etc. Business के इन सारे documents को हम Source Documents कहते हैं। यही documents वो proof होते हैं या record होते हैं जिनसे किसी भी business transaction की detail का पता चलता है।

Accounts Book में जो भी entries की जाती हैं वह इन्हीं Source Documents के basis पर की जाती हैं, और जब Audit की जाती है तो ज़रूरत पड़ने पर इन documents को भी check किया जाता है। Most common Source Documents नीचे दिए गए हैं जिसे आप अच्छे से समझ सकते हैं –

Cash Memo –

जब कोई trader या व्यापारी Cash में अपनी goods को sell करता है तो वह उस person को जो उसे purchase कर रहा है उसे Cash Memo देता है, और जब कभी वह व्यापारी भी किसी goods को Cash में purchase करता है तो उसे भी Cash Memo मिलता है।

इस Cash Memo में उसी goods या items की detail दी हुई होती है कि कितनी quantity में है?, किस rate का है?, total price कितनी है? यह सब कुछ उस Cash Memo में दिया रहता है। अब Books of Accounts में जो transaction record किये जाते हैं वह इसी Cash Memo के basis पर ही record किये जाते हैं।

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Invoice and Bill –

जब भी कोई व्यापारी अपनी goods को Credit पर यानी उधार पर sell करता है तो वह एक Sale Invoice prepare करता है जिसमें वह उस party या उस person का नाम लिखता है जिसे goods sell की गई है।

Cash Memo की ही तरह इसमें भी quantity, rate, total amount सारी चीज़ें दी हुई रहती हैं। वह उस Sale Invoice की original copy purchaser को दे देता है और उसकी duplicate copy वह अपने पास रखता है अपने Books of Accounts में record करने के लिए। अब Invoice और Bill को इस तरह समझ लें कि जब हम goods को Credit में Sell करते हैं तो Invoice बनाते हैं और Credit purchase करने पर Credit Bill Receive करते हैं।

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Receipt –

जब कोई व्यापारी किसी customer से cash receive करता है तब वह एक Receipt issue करता है यानी उस customer को एक Receipt देता है जिसमें उसकी date लिखता है जिस तारीख को Cash मिला है, इसमें वह amount के साथ Customer का नाम भी लिखता है और अपनी signature करके उस Receipt की original copy customer को दे देता है और उसकी duplicate copy अपने पास रखता है ताकि record maintain किया जा सके। इसे ही हम Receipt कहते हैं।

दोस्तों इसी तरह Debit Note, Credit Note, Pay-in-Slip, Cheque यह सब भी Source Documents में ही आते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि Accounts Book में record किये गए हर-एक transaction का Source Documents होना ज़रूरी है।


दोस्तों आज के इस article में इतना ही उम्मीद करता हूँ आप Meaning of Source Documents In Hindi के बारे में अच्छे से समझ गए होंगे। इस article की जानकारी अपने दोस्तों को भी ज़रूर दें, साथ ही Social Media पर भी ज़रूर Share करें।

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