Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज के इस article में हम जानेंगे Assets (सम्पत्तियां) के बारे में। इसमें हम समझेंगे कि Assets Kya Hoti Hain, What Is Assets In Hindi, यह कितने types की होती हैं Types Of Assets In Hindi, business में इनका क्या use होता हैं, इन सारी बातों के बारे में आज हम समझेंगे।
Assets Meaning In Hindi –
जैसा कि हम जानते हैं जब भी कोई business शुरू किया जाता है तो उसमें बहोत सारी चीज़ों की ज़रूरत पड़ती है। सबसे पहले Cash की ज़रूरत पड़ती है, Cash के अलावा Building, Machinery, Furniture, Vehicle इसके अलावा और भी बहोत सारी चीज़ें होती हैं जिससे business शुरू किया जाता है। यह किसी भी business में profit को generate करने में help करती हैं। इन्हीं सारी चीजों को हम सम्पत्तियां (Assets) कहते हैं।
यह Assets दो तरह की होती हैं –
1 – स्थायी सम्पत्तियां (Fixed Assets)
2 – चालू सम्पत्तियां (Current Assets)
-
स्थायी सम्पत्तियां (Fixed Assets) –
Fixed Assets में वो assets आती हैं जिनकी duration more than one year होती है या जो business में long term अर्थात कई सालों के लिये profit पहुँचाती हैं। इन assets को पुनः बिक्री (re-sale) के लिए purchase नहीं किया जाता है बल्कि स्थायी प्रयोग के लिए purchase के लिए प्रयोग किया जाता है। ये assets business में लम्बे समय तक के लिए होती हैं और इनकी value कम नहीं होती है। जैसे Land (ज़मीन) की value हमेशा बढ़ती रहती है। इसे ही हम Fixed Assets या Long Term Assets कहते हैं।
Fixed Assets निम्नलिखित दो प्रकार की होती हैं –
– Tangible Fixed Assets
– Intangible Fixed Assets
– Tangible Fixed Assets –
इसमे वो assets आती हैं जिसे हम touch कर सकते हैं और देख सकते हैं। इसमें जैसे Building, Machine, Furniture, Car आदि आते हैं। ये assets business को लम्बे समय तक लाभ पहुँचाती हैं
– Intangible Fixed Assets –
Intangible Fixed Assets में वो assets आती हैं जिसे हम न तो touch कर सकते हैं और न ही देख सकते हैं। इसमें Goodwill, Copyright, Parents, Trademarks ये सब आते हैं। अगर हम किसी को कोई loan देते हैं तो उसे भी हम न तो touch कर सकते हैं और न ही देख सकते हैं यह भी हमारे Intangible Fixed Assets में आते हैं।
-
चालू सम्पत्तियां (Current Assets) –
Current Assets में वो assets आती हैं जो short term के लिए होती हैं इसे हम easily cash में convert कर सकते हैं। जो कम्पनी के debtors (देनदार) हैं जिन्हें sell करने पर पैसा मिलता है। जो कम्पनी के stock हैं वो सब भी current assets में ही आते हैं।
दोस्तों आज के इस article में इतना ही उम्मीद करता हूँ आप Assets के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। इस article की जानकारी अपने दोस्तों को भी ज़रूर दें, साथ ही Social Media पर भी ज़रूर Share करें।
अगर आप हमारी Website Accounting Seekho की Latest Update पाना चाहते हैं तो हमारे Facebook Page को Like करें ताकि New Article की Notification आपको मिलती रहें। हमारे इस article को अपना कीमती समय देकर पढ़ने के लिए धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो।
Leave a Reply