Meaning Of Listening In Business Communication

Meaning Of Listening In Business Communication In Hindi
Meaning Of Listening In Business Communication In Hindi

Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज का हमारा article Business Communication के बारे में है और इस article में हम जानेंगे Listening के बारे में कि Listening क्या होती है? Meaning And Definition Of Listening साथ ही यह कितने प्रकार की होती है Types Of Listening In Hindi के बारे में, इससे related और भी बहोत से article हमारी website पर available हैं, आप उन article को भी पढ़ सकते हैं। आइये अब सबसे पहले Listening की meaning के बारे में जानते हैं –

Meaning Of Listening –

दोस्तों हमारा जो subject है Business Communication इसमें Listening का बहोत ही important role होता है। Listening का मतलब किसी भी message या information को ध्यान से सुनना। इस तरह किसी भी message की meaning को एक thoughtful manner में सुनना और उस message में कोई कहना क्या चाह रहा है उसे समझना यही Listening कहलाती है। अगर आप Communication Process को effective बनाना चाहते हैं तो आपको listening की importance पता होनी चाहिए। जब तक आप किसी message को ठीक तरीके से सुनेंगे नहीं तब तक आप उसे सही से समझ भी नही सकते हैं।

Definition Of Listening –

“Listening is the ability to accurately receive and interpret messages in the communication process. Listening is the key to all effective communication.”

According to Johnson,

“Listening is the ability to understand and respond effectively to Oral Communication.”

Types Of Listening –

Active Listening

Active Listening का सीधा मतलब यह है कि जो person आपसे बात कर रहा है कोई message deliver कर रहा है और आप focus होकर उस person की बातों को सुन रहे हैं, आप अपना response या feedback भी दे रहे हैं। आप अपनी body language के through यह show कर रहे हैं कि आप उनकी बातों को पूरी attention के साथ सुन रहे हैं वह जो भी message दे रहा है आप उसके message में interested हैं। इस तरह आप उनके सामने eye contact maintain कर रहे हैं, अपनी body को speaker की तरफ थोड़ा झुका लेते हैं, सर हिलाना तो यह सब Active Listening के sign होते हैं।

Empathetic Listening

जब आप किसी person की बातों को deeply सुनते हैं, अगर वह sad है उदास है और वह आपको कुछ बता रहा है तो आप उसकी feelings को अच्छे से सुनते हैं और समझते हैं आप खुद को उसकी जगह पर रखकर उसके emotion को feel करते हैं तो यह listening “Empathetic Listening” कहलाती है।

 Critical Listening

Critical Listening वह होती है जब आप जो सुनते हैं उसके बारे में कोई assumptions नहीं लगा सकते हैं जो सुन रहे हैं वह अच्छे से सुन रहे हैं और clarification कर रहे हैं ताकि आप उसपर valuable feedback दे पाएँ। अगर आपको किसी ने कोई बात बताई है तो आप उसे सुने और समझ गए, अब आप उसे evaluate कर रहे हैं कि वह जो बोला है वह सही है या नहीं? उसके positive points क्या हैं? Negative points क्या हैं? सारी चीजों को जानने के बाद आप अपना opinion दे रहे हैं। इसमें आप important notes बना सकते हैं कुछ key points को लिख सकते हैं।

Selective Listening

Selective Listening का मतलब है कि किसी भी message को पूरा न सुनना, उसमें selection करना, कोई person एक speaker से जो सुनना चाहता है जो उसके काम की चीज़ है वह बस उसे ही सुनता है। अपनी wish के according सिर्फ उन्हीं बातों को सुनना जिसका उसपर belief है तो यही Selective Listening कहलाती है।

Informational Listening

“Informational Listening is listening to learn” यह listening students के लिए काफी important होती है जहाँ वे अलग – अलग  तरह की information gain करते हैं। इसमें उन्हें अपना opinion या feedback देने की जरूरत नहीं है कहीं से कोई भी information मिले उसे अच्छे से सुनना Informational Listening में आता है।

Pretending Listening

Pretend means बहाना करना। इसका मतलब एक listener जो किसी के message को सुन रहा है वह बस दिखावा करता है कि वह उसके message को सुन रहा है पर ऐसा नहीं होता है। वह person ऐसे सामने वाले पर्सन को ऐसे expressions देता है कि जैसे वह उसे बड़े ध्यान से सुन रहा है पर असल में ऐसा नहीं होता है वह सिर्फ ऊपर ऊपर से उसे सुनता है ओर ignore करता है, उसके message को समझने की कोशिश वह नहीं करता है। तो इस तरह की listening को हम Pretending Listening कहते हैं।

Suggestive Listening

Suggest means सुझाव देना या जो हमें सही लग रहा है वह बताना। इसमें कोई person अपनी problems को किसी दूसरे person से discuss करता है। अब वह दूसरा person जो है वह single person भी हो सकता है या कई लोगों का group भी हो सकता है। तो वह ध्यान से उसकी problems को सुनते है और उसके according उसे suggestion देते हैं उसकी help करते हैं। इसे Suggestive Listening कहते हैं।

दोस्तों आज के इस article में इतना ही, उम्मीद करता हूँ आपको Listening और इसके Types के  बारे में समझ में आ गया होगा। इसे Facebook या Whatsapp के through अपने दोस्तों को भी Share करें। अगर आपको कोई doubt है या कोई suggestion है तो आप मुझे नीचे comment करके भी बता सकते हैं।

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